श्री द्रोणाचार्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय

प्राचार्य सम्बोधन

द्रोण नीड में कल्याण की भावना, प्रकाश का सम्बल तथा सर्वे भवन्तु सुखिन: की गत्यात्मकता यहाँ दृष्टिगोचर हो, नीड की जीवन्तता की समग्रता इस सरस्वती की वारिधि में आ जाए जिससे वसुंधरा की उर्वरता आनन्दमय हो यही हम चाहते हैं | जीवन में गत्यात्मकता हो, शारीरिक सबलता व् कुछ करने की ललक हो, समाज, देश, परिवेश को गति देने में हम आलम्बन का कार्य करें, यह कामना है | मानव, मानवीय गुणों से परिपूर्ण हो हम यही चाहेंगे | भ्रमित न हो, साथ दें, सम्मान हम करेंगे, आप विश्वास करें आगे हम रहेंगे, हमें एहसास हो कि आप हमारे पीछे वर्तमान कि तरह खड़े हैं | भविष्य निर्माण में हम आपके साथ हैं |विश्वास है हम विद्या ही नहीं मानवीय गुणों से आगे-आगे बढ़ेंगे |

सामाजिक, मनोवैज्ञानिक, आर्थिक, राजनैतिक और सबसे बढ़कर मानवता कि रक्षा में हम भागीदार बने और यह तभी संभव है जब आप हो और आपका आशीर्वाद जिसकी हमें आवश्यकता है हमारे साथ हो | हमारी अपेक्षा है कि आप महाविद्यालय के मान सम्मान में उत्तरोत्तर वृद्धि करने में अवश्य ही सहायक सिद्ध होंगे |

डॉ. गिरीश कुमार वत्स
प्राचार्य

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